बोलो जय जय गणतंत्र दिवस
खिले – खिले चेहरे हैं सभी के।।
आया है गणतंत्र दिवस।।
लहराया तिरंगा लाल किले पर ।
बोलो जय-जय गणतंत्र दिवस।।
खिले- खिले चेहरे——————-।।
तोपों से सलामी तिरंगे को ।
देश के सैनिक दे रहे हैं।
गूंज रहा जयघोष गगन में ।
राष्ट्रगान सभी गा रहे हैं।।
जगा दिया है देशप्रेम को।
बोलो जय – जय गणतंत्र दिवस।।
खिले- खिले चेहरे——————।।
उन शहीदों को भी याद करें।
कुर्बान वतन पर जो हुए।।
निःस्वार्थ अपना सब कुछ जो।
न्यौछावर वतन पर कर गए।।
जिंदाबाद भगतसिंह, चंद्रशेखर की ।
बोलो जय-जय , गणतंत्र दिवस।।
खिले – खिले चेहरे———————–।।
इस दिन शपथ ले हम सभी।
आबाद देश को रखेंगे ।।
जाति – धर्म के झगड़े छोड़।के
मिलजुलकर हम सब रहेंगे।।
रहे अमर हमारा यह वतन ।
बोलो जय-जय गणतंत्र दिवस।।
खिले-खिले चेहरे——————।।
रचनाकार एवं लेखक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)