बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
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बोले सब सर्दी पड़ी, हाहाकारी आज
सर्दी में पानी जमा, सर्दी में आवाज
सर्दी में आवाज, शब्द जब मुँह से आए
ठंडक से वे शब्द, बर्फ-से जमते पाए
कहते रवि कविराय ,न कोई मुँह को खोले
जम जाएगी जीभ, अगर थोड़ा भी बोले
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रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451