Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2023 · 2 min read

बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा प

बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा परिवार हमारे पिता चलाते हैं,

आज फादर डे हैं पीता दिवस पिता दिवस है, तो अपने एक ही दिन पिता दिवस नहीं, हर दिन माता पिता दिवस होना चाहिए, हर दिन उन्हें खुश रखना चाहिए अपने माता-पिता को आप वह दिन भी याद करिए जिस दिन हमारे को जब हम छोटे होते थे तो हर एक चीज हर एक चीज जिस जिस चीज की हमारे को जरूरत होती है ना वह कौन लाता था, वह पिता ही लाता था हम किसी दुकान पर जाते थे तो बोलते थे कि पिताजी हमें यह चाहिए चाइए उनके पास कुछ भी ना हो फिर भी जैसे तैसे करके वह चीज हमारे लिए दिलाते थे इसलिए हमें खुश रखने के लिए ताकि यह रोए ना दुखी ना हमारे बच्चे इतना कुछ सोचते थे, हमारे माता-पिता हमारे लिए, खुशनसीब है वो लोग जिनके पास मां-बाप है उनका भी सोचो जिनके पास मां-बाप नहीं होते हर दिन उनके लिए स्पेशल बनाओ हर दिन एक ही दिन माता पिता दिवस नहीं होता है नहीं होता है कि दिन पिता दिवस नहीं होता हर दिन उनको खुशियां देने की कोशिश करो,
हर दिन अपने मां-बाप से प्यार करो और उनको प्यार दो जैसे हमारे हमारे माता पिता हमारे को बचपन में प्यार देते थे हर तरह से खुश कोशिश करो उनको खुश रखने की जिंदगी बार-बार नहीं मिलती जिंदगी में माता-पिता हर किसी को नसीब नहीं होता जिन जिन के पास है वह सोचिए कि भगवान हमारे पास है बोलते हैं कि भगवान खुद नहीं आ सकते तो उन्होंने मां बनाई और श्रीहरि हर किसी के पास नहीं आ सकते तो उन्होंने पालन करने के लिए पिता को बनाया इसलिए हर दिन मां-बाप को खुश रखो प्यार करो किसी चीज के लिए ज्यादा जिद मत करो , जैसे बचपन में हमारे माता-पिता हमें गले लगा कर रखते थे ना वैसे ही आज आप भी हमें गले लगा कर पिता दिवस की शुभकामनाएं दे।

Language: Hindi
1 Like · 400 Views

You may also like these posts

परवर दीगार
परवर दीगार
Usha Gupta
ज्ञान पुंज गुरु मानिए,
ज्ञान पुंज गुरु मानिए,
sushil sarna
*Bountiful Nature*
*Bountiful Nature*
Veneeta Narula
खुद के वजूद को।
खुद के वजूद को।
Taj Mohammad
वसियत जली
वसियत जली
भरत कुमार सोलंकी
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
आदित्य निसर्ग
आदित्य निसर्ग
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
■आक्रोश की अभिव्यक्ति■
*प्रणय*
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
Sanjay ' शून्य'
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
घर का
घर का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
आस्था
आस्था
Adha Deshwal
सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
कार्तिक नितिन शर्मा
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
जय लगन कुमार हैप्पी
19. *मायके की याद*
19. *मायके की याद*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
आये जबहिं चुनाव
आये जबहिं चुनाव
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Deepesh Dwivedi
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
रात अंजान है
रात अंजान है
Dr. Rajeev Jain
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
Dr Archana Gupta
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
प्यारा मित्र
प्यारा मित्र
Rambali Mishra
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
Neelofar Khan
Loading...