-; बॉलीवुड में नेपोटिज़्म नई प्रतिभाओं के लिए बेहद ख़तरनाक :-
-; बॉलीवुड में नेपोटिज़्म नई प्रतिभाओं के लिए बेहद ख़तरनाक :-
सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुए लगभग एक महीने से अधिक हो गया भाई भतीजावाद के खिलाफ कई बॉलीवुड हस्तिया खुलकर सामने भी आई और आना भी लाजिमी है। ये शुरुआत बहुत समय पहले हो जानी चाहिए थी लेकिन इस जंग को खत्म करने के लिए इतना कुछ काफ़ी नहीं है। सिनेमा जगत ऐसा घिनोना उद्योग बन गया है जिसमें नई प्रतिभाओं को प्रवेश करने से पहले ही दबोच लिया जाता है। कई सितारों ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए अपने साथ घटी कुछ घटनाओ का भी जिक्र किया है। बॉलीवुड में बाहर वालों को कम आँका जाता है जबकी स्टारकिड्स को अनेक मौके मिल जाते है अगर इनकी फिल्मे फ्लॉफ भी होती है तो उन्हें और कहीं अनेक मौके मिलने की गुंजाईश रहती है लेकिन ऐसा मुंबई के बाहर से आये लोगों के साथ नहीं होता उनका मनोबल गिराया जाता है। जो की सिनेमा जगत की पुरानी परम्परा रही है, अब वो बॉलीवुड नहीं रहा जिसमें सत्यजीत राय, दादा साहब फाल्के बासु चटरजी, सरिखे लोग रहते थे, क्योंकि अब कपूर खानदान, चोपड़ा,भट्ट, भंसाली,खान परिवार ये लोग रहते है जो ये समझते है की बॉलीवुड तो हमारी बदौलत ही चलता है। करण जोहर को तो कभी कभी ऐसा भी लगने लगता है की वो ही पुरी फ़िल्म इंडस्ट्री को कंट्रोल करता है।
ये लोग जिसको चाहे उसको अवार्ड दिलवा देते है क्योंकि चाटुकारिता तो इनके रग रग में बसी है इसी का एक जीता जागता उदाहरण ये है की गुल्ली बॉय जैसी थर्ड क्लास पिक्चर को अठारह अवार्ड मिल जाते है और सुशांत सिंह राजपूत अभिनीत और धोनी पर बनी बायोपिक फ़िल्म एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी जैसी ब्लॉकबस्टर मूवी को एक भी अवार्ड नहीं मिलता है तो हर किसी के दिल में ये सवाल चुबते है। की ऐसा क्यों होता है ऐसा इन बीके हुवे लोगों की वजह से होता है जो नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित नहीं करते और इन लोगों निचा दिखाते है इनके तरह तरह के नाम निकालते है। नब्बे के दशक की फ़िल्म बॉबी में ऋषि कपूर ने एक अवार्ड शो में एक अवार्ड को 25 हजार रुपए में रातो रात खरीद लिया था जबकी वो अवार्ड उस समय जैकी श्रॉफ को मिल रहा था जिसका जिक्र अभी कुछ महीने पहले खुद ऋषि कपूर ने ही किया और जैकी श्रॉफ से माफ़ी भी मांगी। ये सिनेमा जगत का कटु सत्य है, ऐसी ही अनोखी प्रतिभा के धनी अक्षय कुमार के साथ भी कहीं वर्षो से होता आया है जो की उचित नहीं है। जब एक पत्रकार ने अक्षय कुमार से पूछा की आप इतनी बढ़िया देशभक्ति फिल्मे बना रहे हो और आपको कोई अवार्ड नहीं मिलता है उस अक्षय उस सवाल का जवाब भी नहीं दे पाते है और रो पड़ते है। ऐसा ही कुछ दिनों से बॉलीवुड के महान गायक अरिजीत सिंह के साथ हो रहा है। ये लोग टारगेट भी उन्ही लोगों को करते है जो इनसे हटकर चलते है। जो इनकी हाँ में हाँ नहीं मिलाते जो इन बॉलीवुड के ठेकेदारों का पर्दाफाश करने की ओकात भी रखते है। यह बड़ी विडंबना की बात है की सलमान खान चीनी लड़की लूलिया और श्रीलंकन गर्ल जैकलीन फर्नाडिस जैसी विदेशी लड़कियों को लाकर बॉलीवुड में लॉन्च करवाते है क्या भारत में कलाकारों की कमी है। तापसी पन्नू नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी अक्षय कुमार पंकज त्रिपाठी संजय मिश्रा मनोज वाजपई गोविंदा विधुत जम्वाल रणदीप हुड़्डा राजकुमार राव जैसे कलाकार आज भी बॉलीवुड में मौजूद है जिनकी आँखों मे एक्टिंग छलकती है। अगर समय रहते कुछ परिवर्तन नहीं हुआ और ऐसे लोगों पर कड़ी करवाई नहीं हुई तो को सुशांत सिंह की तरह हम कहीं मंजे हुए कलाकारों को खो देंगे !
-: भगवान सिंह चारण, डीडवाना