बैर नहीं है।
“सच है कि मेरा किसी से बैर नहीं हैं।
सब अपने हैं कोई भी तो गैर नहीं है।
सख्त हूं क्योंकि मौत दहलीज पर है ,
लापरवाही से जिदंगी की खैर नहीं है।”
-शशि “मंजुलाहृदय”
“सच है कि मेरा किसी से बैर नहीं हैं।
सब अपने हैं कोई भी तो गैर नहीं है।
सख्त हूं क्योंकि मौत दहलीज पर है ,
लापरवाही से जिदंगी की खैर नहीं है।”
-शशि “मंजुलाहृदय”