जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
मैं भारत हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
सपने देखने का हक हैं मुझे,
इसीलिए तो हम, यहाँ के आदिवासी हैं
जियो सिम का जब फ्री ट्रायल हो रहा था उसकी कीमतें उस समय नहीं