बेहया दिल कितने हो तुम
बेहया दिल कितने हो तुम, बेरहम दिल कितने हो तुम।
ना रहे अब तुम वफा, बेवफा दिल कितने हो तुम।।
बेहया दिल कितने हो तुम——————–।।
छोडकै तुमने साथ हमारा, दामन उसका थाम लिया।
जिसने दिया नहीं साथ हमारा, साथी उसको मान लिया।।
सँग उसके अब खुश हो इतने, लूटकै खुशियां हमारी तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम——————-।।
आबाद हो तुम आज जो इतने, हमको तुम बर्बाद करके।
तारीफ इतनी पा रहे हो तुम, हमको तुम बदनाम करके।।
हँस रहे हो हमारे दुःख पर, करके चोट हमपे तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम—————-।।
तेरे घर जो दीपक जल रहा है, यह जो चमन तेरा महक रहा है।
रोशन तुम्हारा चेहरा है इतना, मौजों में तू जो जी रहा है।।
लिख रहे हो गीत लहू से, किसका बहाकै लहू इतना तुम।
बेहया दिल कितने हो तुम——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां)राजस्थान)