बेहयाई
शर्म बेचकर खा गई आज की युवा पीढ़ी ,
कुसंस्कारी कलयुग की है यह पहली सीढ़ी ।
अब आगे आगे देखते जाइए होता है क्या !
बेहयाई की है इस जहान में जंग छिड़ी ।
शर्म बेचकर खा गई आज की युवा पीढ़ी ,
कुसंस्कारी कलयुग की है यह पहली सीढ़ी ।
अब आगे आगे देखते जाइए होता है क्या !
बेहयाई की है इस जहान में जंग छिड़ी ।