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17 Jul 2020 · 1 min read

बेशर्म

…..बेशर्म…..
बड़े बेशर्म हैं वो लोग
जो खुद को खुदा मानते हैं,
झूठ की चाशनी में
जलेबियाँ छानते हैं।
झूठे आरोप मढ़ते हैं और
बेशर्मी से अडे़ रहते हैं।
चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए
तो खुद के खुदा होने का भान हो गया,
अपनी पुश्तैनी काबिलियत का
बड़ा गुमान हो गया।
जाने अंजाने हर जगह रायता फैलाते और अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं,
चर्चा में जरूर रहते हैं,
हंसी का पात्र बनते हैं,
शर्मसार होते हैं
फिर भी ज्ञान बघारने से
नहीं चूकते हैं।
उन्हें न खुद की चिंता है
न देश दुनिया/समाज की
न तंत्र की न लोकतंत्र की।
आरोप लगाते हैं,शर्मसार होते हैं,
अपनों के बीच भी सम्मान खोते हैं,
फिर भी सबूतों के लिए
आरोपों की लिस्ट तैयार रखते हैं।
खुद को धरती का सबसे बड़ा
बुद्धिमान समझते हैं।
बेशर्मी को ही संसार का
सबसे बड़ा सम्मान समझते है।
?सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा(उ.प्र.)
8115285921

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 375 Views
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