Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2022 · 2 min read

बेशरम रंग

बेशरम रंग
~~°~~°~~°
बदचलन,बदजुबाँ,और बेरहम ,
ये रंगमंच अब हो गया है बेशरम।
कुछ और ही रंग थे ,
बीते जमाने में कभी जिसके ,
अब हो गए बेहया और बेशरम।
कभी मोहक अदाओं और सुर्ख होंठों से ,
दिल का हाल बयाँ होता था।
कभी दरख्तों की लहराती वादियों में,
झीलों में चांद दिखता था।
हवा का रुख जो बदला ,
जिस्म की नुमाइश भी बदली।
कभी झीना-सा-परदा था ,
जब से परदा हटाया हमनें ,
बेपरदा हुस्न की चाल अब तो,
हवस की चासनी में डुबी,
प्यार के गोते लगाती है।
अनावृत तन ही नहीं होता ,
नाजुक रिश्ता दरकता है।
वो कहते हैं कि हुस्नवाले तो ,
हिजाब में ही है अच्छे लगते।
पर सनातनी बहन-बेटियाँ भोली,
जिहाद में हैं अच्छे लगते।
मैंने खुद को जो नीलाम कर दिया ,
उन्होंने यूँ ही नहीं बदनाम कर दिया।
भगवा रंग को दोष मत देना ,
यही तो सूरज का गौरव है।
लहराता यही भगवा तो ,
श्रीराम कृष्ण रथ पर था।
इसी भगवे को पहन सपूतों ने ,
वतन पर कुर्वान की थी जानें ।
इसी भगवे की ताकत से ,
सम्पूर्ण ब्रह्मांड भी है रुकता ।
भगवाधारी श्रीराम का पराक्रम,
देखो,समुन्दर भी कैसे झुकता।
इसे कोई क्या मिटायेगा ,
जलते दीपक में भगवा है।
इसे बेशरम मत कहना ,
क्योंकि अग्नि का ये सहचर है ।
कहोगे इसको यदि बेशरम ,
तो फिर बेमुरव्वत है तेरा मन।
ये रंग नहीं कभी बेशरम ,
रंग तो रंगमंच का है बेशरम।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १७ /१२/२०२२
पौष,कृष्ण पक्ष,नवमी, शनिवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 820 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
Rj Anand Prajapati
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
जी तो हमारा भी चाहता है ,
जी तो हमारा भी चाहता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
“किरदार”
“किरदार”
Neeraj kumar Soni
.....
.....
शेखर सिंह
मिट्टी
मिट्टी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
मन  के  दरवाजे पर  दस्तक  देकर  चला  गया।
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" जोंक "
Dr. Kishan tandon kranti
"दिवाली यानि दीपों का त्योहार"
Lohit Tamta
कभी कभी रास्ते भी उदास होते हैं ....बहुत उदास .....
कभी कभी रास्ते भी उदास होते हैं ....बहुत उदास .....
पूर्वार्थ
एहसास ए तपिश क्या होती है
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️
✍️ नशे में फंसी है ये दुनियां ✍️
राधेश्याम "रागी"
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सांवरिया
सांवरिया
Dr.Pratibha Prakash
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
*बचपन यादों में बसा, लेकर मधुर उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
शैव्या की सुनो पुकार🙏
शैव्या की सुनो पुकार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
*Keep Going*
*Keep Going*
Poonam Matia
ग़ज़ल
ग़ज़ल
rekha mohan
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर
Parvat Singh Rajput
..
..
*प्रणय*
यह क्या है?
यह क्या है?
Otteri Selvakumar
“कारवाँ”
“कारवाँ”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...