बेशक सताना है
बेशक सताना है सता लो दो,ऐब न दिखा
नींद चुराना है तो चूरा लो,ख्वाब न दिखा
शर्तों की मुहब्बत आती नहीं हैं मुझको
नर्म नाजुक हाथों से फिर गुलाब न दिखा
मुझे मालूम है ,किया हुआ हर एक गुनाह
मेरे किए हर गुनाहों की हिसाब न दिखा
बेशक चाहो तो भुला दो मुझको तुम भी
मग़र अपने वफाई का रोआब न दिखा
माना कि ,तेरा ही चेहरा नूर ए नूरानी हैं
शर्म,हया ,लाज़, सब है, हिजाब न दिखा