बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में
बिछड़ गये कई अपने तुम्ही गले लगाओ।
यार कोई तो अब एक नई आस जगाओ।
बेशक बहुत कीमत थी गुजरे जमाने में,
कोई प्यार के बदले प्यार दिलाओ।
राह में मिले अनजान हमदर्दों,
अब न रिश्तों को तुम शर्मसार बनाओ।
बदल डाला बदलते हालातों ने मुझे,
जख़्मो पर पराये तुम मरहम लगाओ।
छीन लिया हौसला पथ के मठाधीशों ने
पारस तुम पंख से पताका लहराओ।
बिछड़ गये कई अपने तुम्ही गले लगाओ।