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23 Jul 2024 · 1 min read

“बेशक़ मिले न दमड़ी।

“बेशक़ मिले न दमड़ी।
पर खिंच ना जाए चमड़ी।।”
(मध्यम वर्ग की चाह)

😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 59 Views
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