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28 Jun 2020 · 2 min read

बेवफ़ाई (छह बन्द)

बन्द एक—

न पाट पाई, तेरी उल्फ़त
१ २ १ २ २, २ २ २ २
वफ़ा की होती, ये गहरी खाई
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
न कर सकेगी, वफ़ा को ज़िन्दा
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २
ये बरसों-बरसों, की बेवफ़ाई
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

बन्द दो—

हज़ार घातें, सहते-सहते,
१ २ १ २ २, २ २ २ २
नज़र ने जाना, महब्बत क्या है
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
था एक धोका, तुम्हारा मिलना
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २
न समझा ये दिल, उल्फ़त बला है
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

बन्द तीन—

क़रार पायें, तुझ को देखें,
१ २ १ २ २, २ २ २ २
न देखा जब से, उदासी छाई
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
अगर वफ़ा थी, ज़रा भी हमसे,
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २
न करते हमसे, तुम बेवफ़ाई
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

बन्द चार—

अनेक ठोकर, हम ने खाई,
१ २ १ २ २, २ २ २ २
मगर ना हमको, पुकारे यारा
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
क़रीब से हम, ज़रा जो गुज़रे,
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २
किया था तुमने, क्यों फिर किनारा
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

बन्द पाँच—

न आप गुज़रे, उन राहों से,
१ २ १ २ २, २ २ २ २,
जहाँ पे कीं थीं, वफ़ा की बातें !
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
न नींद आई, ज़रा भी हमको,
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २,
कटी हैं करवट, में विरह रातें !!
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

बन्द छह—

हुई ज़रा सी, कोई आहट
१ २ १ २ २, २ २ २ २
लगा के तुम हो, नहीं था कोई
१ २ २ २ २, १ २ २ २ २
ख़ता यही है, निभा के उल्फ़त
१ २ १ २ २, १ २ २ २ २
कभी ना सोई, ताउम्र रोई
१ २ २ २ २, २ २ १ २ २

Language: Hindi
3 Likes · 242 Views
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