बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए।
२१२ २१२ २१२ २१२
बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए।
एक कारण हमें भी बता दीजिए।
हुश्न पाकर कभी मत करो तुम गुमां,
प्यार का जज्ब थोड़ा सा पी लीजिए।
हुश्न ठहरा नहीं है किसी का कभी,
बात सबको जरा ये बता दीजिए।
जख्म दुनिया से’ तुमको मिलेंगे मगर,
सोचकर बात अब ये न तुम खीजिए।।
मुस्तकिल है नहीं कोई जीवन यहां,
जो मिला है तुम्हें आप जी लीजिए।
सख्त जीवन का रस्ता है माना मगर,
नर्म बरखा की बूंदों में अब भीजिए।
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