Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2018 · 1 min read

बेवफ़ा (ग़ज़ल)

काफ़िया- आ
रदीफ़-देखते देखते
बह्र-212 212 212 212

बेवफ़ा
********

इश्क उनसे हुआ देखते देखते।
हुस्न पर मर मिटा देखते देखते।

कातिलाना अदा रोग देकर गई
बेख़बर फ़िर रहा देखते देखते।

गैर के साथ रिश्ता बना प्यार का
दे गई वो दग़ा देखते देखते।

मैं हक़ीकत न समझा हुई देर थी
घाव दिल पर लगा देखते देखते।

छोड़ जाते ये गलियाँ मगर क्या करें
जाम ग़म का पिया देखते देखते।

थी दवा भी वही ज़ख्म जिसने दिया
मैं फ़ना हो गया देखते देखते।

आज “रजनी” कहे जीना’ दुश्वार है
क्यों जनाजा उठा देखते देखते?

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all

You may also like these posts

जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
बहुत फर्क  पड़ता  है यूँ जीने में।
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
Neelofar Khan
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
यह कैसे रिश्ते ?
यह कैसे रिश्ते ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
गुनाह मेरा था ही कहाँ
गुनाह मेरा था ही कहाँ
Chaahat
आपसा हम जो
आपसा हम जो
Dr fauzia Naseem shad
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
एक ख्वाब थे तुम,
एक ख्वाब थे तुम,
लक्ष्मी सिंह
एक उम्मीद छोटी सी...
एक उम्मीद छोटी सी...
NAVNEET SINGH
तेरी मेरी तस्वीर
तेरी मेरी तस्वीर
Neeraj Agarwal
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
कभी कभी छोटी सी बात  हालात मुश्किल लगती है.....
कभी कभी छोटी सी बात हालात मुश्किल लगती है.....
Shashi kala vyas
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
एक ग़ज़ल यह भी
एक ग़ज़ल यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जरूरी हैं रिश्ते
जरूरी हैं रिश्ते
Shutisha Rajput
सावन गीत
सावन गीत
Pankaj Bindas
3543.💐 *पूर्णिका* 💐
3543.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*राम मेरे तुम बन आओ*
*राम मेरे तुम बन आओ*
Poonam Matia
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
umesh mehra
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
Ravi Prakash
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
भांथी* के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने
Dr MusafiR BaithA
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Meera Thakur
शायद खोना अच्छा है,
शायद खोना अच्छा है,
पूर्वार्थ
राम को निज धाम मिल गया
राम को निज धाम मिल गया
Sudhir srivastava
Loading...