बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है – संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है
ये कहानी ही हर दफ़ा क्यों है
कुछ भी मजबूरी तो नहीं दिखती
मैं क्या जानूं वो बेवफ़ा क्यों है
संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है
ये कहानी ही हर दफ़ा क्यों है
कुछ भी मजबूरी तो नहीं दिखती
मैं क्या जानूं वो बेवफ़ा क्यों है
संदीप ठाकुर