“बेवकूफ हम या गालियां”
“बेवकूफ हम या गालियां”
आज गालियों का रिवाज ज्यादा है
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
बेवजह करती हैं दिमाग को खराब
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
हर कोई मरने – मारने को तैयार है
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
कुत्ता बोल दिया तो बहुत दर्द हुआ
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
शेर बोल दिया तो बहुत खुश हुआ
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
कुत्ता और शेर दोनों ही जानवर हैं
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
सब अपने अपने दिमाग की उपज है
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
जानवरों को क्यों घसीटते गालियों में
ये गालियां नहीं बेवकूफ गालियां हैं,
खुद की जुबान करते हैं हम खराब
हम बेवकूफ गालियां भी बेवकूफ हैं