Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

बेरोजगार लड़के

बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के, तुम क्यों हार जाते हो? क्यों तुम हार मान जाते हो? क्यों तुम हार स्वीकार करते हो?
लड़कियों को नौकरी चाहिए, यह सोच तुम्हारे मन में है। पर क्या यह सोच सही है? क्या यह सोच तुम्हारी किस्मत है?
नहीं, यह सोच तुम्हारी किस्मत नहीं है। यह सोच तुम्हारे मन की एक धारणा है। यह सोच तुम्हारी एक मान्यता है।
तुम एक लड़के हो, तुम्हारी अपनी पहचान है। तुम्हारे अपने गुण हैं, तुम्हारे अपने कर्म हैं।
तुम एक इंसान हो, तुम्हारी अपनी गरिमा है। तुम्हारे अपने सम्मान है, तुम्हारे अपने अधिकार है।
तुम बिना नौकरी के भी, एक सफल इंसान बन सकते हो। तुम बिना नौकरी के भी, एक खुशहाल इंसान बन सकते हो।
तुम बिना नौकरी के भी, एक सम्मानित इंसान बन सकते हो। तुम बिना नौकरी के भी, एक स्वीकार्य इंसान बन सकते हो।
इसलिए, बेरोजगार लड़के, हार मत मानो। अपने सपनों को मत छोड़ो। अपने लक्ष्यों को मत भूलो।
अपने गुणों को पहचानो। अपने कर्मों को निभाओ। अपनी गरिमा को बनाओ। अपने सम्मान को बचाओ।
अपने अधिकारों को पहचानो। अपने सपनों को पूरा करो। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करो।
और फिर देखो, बेरोजगार लड़के, तुम कैसे सफल हो जाते हो। तुम कैसे खुशहाल हो जाते हो। तुम कैसे सम्मानित हो जाते हो। तुम कैसे स्वीकार्य हो जाते हो।

73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
शब्द -शब्द था बोलता,
शब्द -शब्द था बोलता,
sushil sarna
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
घनाक्षरी
घनाक्षरी
seema sharma
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वाह भई वाह,,,
वाह भई वाह,,,
Lakhan Yadav
जान गया जब मैं ...
जान गया जब मैं ...
Praveen Bhardwaj
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
Neelofar Khan
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
Ravi Betulwala
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण
दूध का वैज्ञानिक विश्लेषण
Anil Kumar Mishra
जीवन , प्रेम और माधव
जीवन , प्रेम और माधव
पूर्वार्थ
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दो गज असल जमीन
दो गज असल जमीन
RAMESH SHARMA
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
..
..
*प्रणय*
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
विदा पल कहूं कैसे, बिटिया आती रहना
विदा पल कहूं कैसे, बिटिया आती रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
ज़िन्दगी अपनी
ज़िन्दगी अपनी
Dr fauzia Naseem shad
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
"चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
कवि रमेशराज
शराफत नहीं अच्छी
शराफत नहीं अच्छी
VINOD CHAUHAN
says wrong to wrong
says wrong to wrong
Satish Srijan
Loading...