बेरोजगारी
जनसंख्या के कोप का भाजन नौजवान बन जातेे है।
रोजगार की चिंता में मर अब सब किसान मर जाते है॥
सब कार्य जब यंत्र करेंगे काम कहाँ रह जायेगा।
आधुनिकता मे हाथो का काम कहाँ रह जायेगा।
भाग-दौड़ में दुनिया की अपनी पहचान गँवा बैठे।
रोजगार की चाहत मे बच्चे सब अरमान गँवा बैठे॥
विकास देश का तभी सफल हो जब उन्नत सभी ललाट हों।
जीवित रहे पटेल का सपना और अशोक की लाट हो॥
जब भारत के सभी सामान को घटिया कहते रहते हो।
बेरोजगार ही रहें सदा, देश की लुटिया ढ़हते रहते हो॥
अतः स्वदेशी अपनाओ बेरोजगारी हट जायेगी।
नही रहे विदेशी सामान बीमारी सदा मिट जायेगी।
नमन जैन नमन