Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 2 min read

बेरोजगारी

बेरोजगारी

बेरोजगारी आज कुछ नही,
यह तो है, बस एक विचार।
युवाओं के अपने सपने पर,
यह तो है, बस एक प्रहार।।

सरकारी के चक्कर में सदा,
पूरा निजी मत यों त्यागिये।
जो भी मिल जाए पसंद का,
उससे, कभी मत भागिए।।

किसी भी पेशा को चुनिए,
हमेशा नौकरी मत ढूंढिए।
पेशा अपना पुश्त चलाए,
नौकरी वाले खुद भरे हाय।।

जो जन है, कोई पद धारक;
नही वो है, गैरो का उद्धारक।
उस जन-मन को सदा देखिए,
जो खुद, दस का है आहारक।।

सामर्थ्य से ज्यादा सोच ही,
घर – घर “बेरोजगारी” लाए।
उम्र पार, यों कर जाता जब,
सबको तब समझ में आए।।

जो खुद का कर ले आकलन,
घर परिवार रखे सही विचार।
बैठी ताहे, नौकरी पांव पसार,
मिले चाहे, छोटी-बड़ी प्रकार।।

जो नर , दिखावे को न माने,
चाहे नही कभी झूठा प्रभाव।
संतोष रखे जो, जीवन में सदा;
उसे, नौकरी का नही अभाव।।

काम कोई, छोटा बड़ा होता नही,
भाग्य कभी किसी का सोता नही।
औरों के काम को, जो देख जले,
“बेरोजगारी” का नाम, रोता वही।।

संगत अपना सदा ,सही रखिए;
“मेहनत”सदा पुरजोर कीजिए।
“बेरोजगारी” खुद दूर जायेगा;
अच्छे दिन जीवन में आयेगा।।

कड़ी मेहनत की रोटी तोड़िए,
खाइए चाहे, जो नून लगाए।
भोजन करिए सदा उतना ही,
जितना आपका पेट पचाए।।

किसी को बड़ा यों, मत मानिये,
चाहे जो कोई कितना कमाए।
खुद की इज्जत सदा कीजिए,
किसी के सामने, बिन शर्माये।।

अब बेरोजगारी का,राग न गाइए;
मन अपना, इतना प्रबल बनाइए।
खुद व्यस्त रहें, जीवन में सदापि;
पीढ़ी न देखे,बेरोजगारी कदापि।।
……………… ✍️

स्वरचित सह मौलिक
पंकज “कर्ण”
कटिहार।

Language: Hindi
1 Like · 223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
Madhuyanka Raj
मं
मं
*प्रणय*
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
"आशिकी ने"
Dr. Kishan tandon kranti
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
नाम लिख तो लिया
नाम लिख तो लिया
SHAMA PARVEEN
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
शेखर सिंह
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
Shakil Alam
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
Dr. Man Mohan Krishna
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
Sonam Puneet Dubey
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रार्थना(हनुमान जी)
प्रार्थना(हनुमान जी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
शरद काल
शरद काल
Ratan Kirtaniya
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
Dr fauzia Naseem shad
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
Loading...