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7 Jan 2021 · 1 min read

बेरहम आज तू बेवफा हो गयी

बह्र- 212 212 212 212
काफ़िया-अफ़ा
रदीफ़- हो गयी

तुमसे अँखिया मिलाकर खता हो गयी।
बेरहम आज तू बेवफ़ा हो गयी।

गैर के साथ रिस्ता बनाकर सनम
जिंदगी से मेरी तू दफा हो गयी।

क्यों समझ ना सका बेवफा मैं तुझे,
बस यही तो हमारी खता हो गयी।

वक्त ने आज ऐसा शिकंजा कसा,
प्यार करके लगे इक सजा हो गयी।

बहल जाए कहीं जो दिल ये मिरा,
जिन्दगी भी हमारी ख़फ़ा गयी।

अदम्य

2 Likes · 1 Comment · 299 Views
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