Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2019 · 1 min read

बेबसी

बेबसी
———–

रेत पर फिर इबारत लिखने को मन कर रहा है
हवा का तेज झोंका उसे मिटाने की सोच रहा है

हर मिटी इबारत से कारवां यादों का चल रहा है
सिलसिला अरसे से यूँ ही ये बदस्तूर चल रहा है

बेशुमार चाहतें लिए इंसान यूं ही भटक सा रहा है
वक़्त ज़िंदगी में सभी मुश्किल इम्तिहान ले रहा है

देखे हैं इंसान ने हर रंग मौसमे बहार के आज तक
चौतरफा अब स्याह रंग ही दिखता नज़र आ रहा है

होने को मुराद पूरी ‘सुधीर’ टूटता तारा ढूंढ रहा है
सहरा में भी इंसान सहारा ढूंढता नज़र आ रहा है

365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
हमें तो देखो उस अंधेरी रात का भी इंतजार होता है
VINOD CHAUHAN
*औषधि (बाल कविता)*
*औषधि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुन्दरता।
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
बाबूजी
बाबूजी
Shashi Mahajan
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
4600.*पूर्णिका*
4600.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅कड़वा सच🙅
🙅कड़वा सच🙅
*प्रणय*
"कामदा: जीवन की धारा" _____________.
Mukta Rashmi
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
Ashwini sharma
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
तब गाँव हमे अपनाता है
तब गाँव हमे अपनाता है
संजय कुमार संजू
नमन वंदन सदा करता।
नमन वंदन सदा करता।
अरविंद भारद्वाज
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
" लामनी "
Dr. Kishan tandon kranti
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
सावन गीत
सावन गीत
Pankaj Bindas
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
Dhirendra Singh
मैं उड़ना चाहती हूं
मैं उड़ना चाहती हूं
Shekhar Chandra Mitra
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
Phool gufran
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
हिमांशु Kulshrestha
साइड इफेक्ट्स
साइड इफेक्ट्स
Dr MusafiR BaithA
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
डॉ. ध्रुव की दृष्टि में कविता का अमृतस्वरूप
कवि रमेशराज
Loading...