बेबसी
नन्ही-सी परी हूं मैं,
मोंम से नहीं हिम्मत से बनी हूं मैं,
दुनिया के बातों में आज भी लडी़ हूं मैं,
हां क्योंकि……
नन्ही-सी परी हूं मैं,
मोंम से नहीं हिम्मत से बनी हूं मैं।।
आंखों में सपने,
दिल मे उड़ने की चाह से बनी हूं मैं,
क्यों बार-बार इन्हें तोड़ा गया,
क्या इतनी बुरी हूं मैं,
हां क्योंकि……
नन्ही-सी परी हूं मैं,
मोंम से नहीं हिम्मत से बनी हूं मैं।।
आशाओं के दिपक में आज भी जली हूं मैं,
क्या थी ओर क्या बन गई हूं मैं,
हां क्योंकि……
नन्ही-सी परी हूं मैं,
मोंम से नहीं हिम्मत से बनी हूं मैं।।
लोगों की पुरानी प्रथाओं में पली-बड़ी हूं मैं,
क्या अब इतनी कायर बन गई हूं मैं,
हां क्योंकि……
नन्ही-सी परी हूं मैं,
मोंम से नहीं हिम्मत से बनी हूं मैं।।
नाम- वर्षा चौरसिया
जगह- दिल्ली