बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
हम उड़ते है स्वच्छंद
खुले नीले ऊंचे आसमान में,
हवाओं से दोस्ती करते है,
पेड़ों पर बैठते है,
फूलों से बातें करते है,
हमारे गीतों में मीठा राग है,
और नृत्य में ताल है,
हम उड़ते हैं ऊँची पहाड़ियों पर,
पार करते हैं गहरी घाटियाँ,
हर लम्हे को जीते है,
बिना किसी चिंता या डर के,
जहाँ भी जाते हैं,
वहाँ खुशियाँ फैलाते हैं,
हर चेहरे पे मुस्कान लाते है,
हम नहीं सोचते बाद की,
हम जीते हैं आज में,
हम बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी है।
– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार