बेनाम रिश्ता
वजूद नही था उसका फिर भी जिंदा था
एक ऐसा रिश्ता जिसका कोई नाम नही था
कलम बनी आधार जिसका
वो ऐसा अलबेला रिश्ता था
या कह लो रिश्ता नही
वो तो अल्फ़ाज़ों का खूबसूरत चिराग था
अन्नू जैन
अजमेर kishngrh
वजूद नही था उसका फिर भी जिंदा था
एक ऐसा रिश्ता जिसका कोई नाम नही था
कलम बनी आधार जिसका
वो ऐसा अलबेला रिश्ता था
या कह लो रिश्ता नही
वो तो अल्फ़ाज़ों का खूबसूरत चिराग था
अन्नू जैन
अजमेर kishngrh