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30 Dec 2020 · 1 min read

बेनाम रिश्ता

वजूद नही था उसका फिर भी जिंदा था
एक ऐसा रिश्ता जिसका कोई नाम नही था
कलम बनी आधार जिसका
वो ऐसा अलबेला रिश्ता था
या कह लो रिश्ता नही
वो तो अल्फ़ाज़ों का खूबसूरत चिराग था

अन्नू जैन
अजमेर kishngrh

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 409 Views
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