बेताब ग़ज़ल
दिल की दुनिया तबाह मत करना
कुछ भी हो ये गुनाह मत करना
ये ज़माना बहुत सितमगर है
ज़ुल्म सहकर भी आह मत करना
दिल का दामन बड़ा मुक़द्दस है
साफ़ रखना सियाह मत करना
जिससे ईमान में कमी आये
ऐसी दौलत की चाह मत करना
दिलशाद बेताब
दिल की दुनिया तबाह मत करना
कुछ भी हो ये गुनाह मत करना
ये ज़माना बहुत सितमगर है
ज़ुल्म सहकर भी आह मत करना
दिल का दामन बड़ा मुक़द्दस है
साफ़ रखना सियाह मत करना
जिससे ईमान में कमी आये
ऐसी दौलत की चाह मत करना
दिलशाद बेताब