बेतहाशा, बेतहाशा तुझको ही चाहूं मै
मै तुम्हें चाहूं या न चाहूं।
पर तेरा दीदार किए ।
रह न पाउं मै ।
बेतहाशा, बेतहाशा तुझको ही चाहूं मै ।
तुमको पाने के लिए ।
क्या -क्या न मैने किए ।
आज हो तुम बनकर मेरी ।
मेरे दिल का करार ।
सच कहता हूं ।
बेतहाशा, बेतहाशा तुझको ही चाहूं मै
जान से भी ज्यादा करता हूं प्यार ।
तू मेरी अमानत है ।
करती मेरी हिफाजत है ।
हाथ लगाने की तो छोङो ।
नजर भी उठायी तो समझो फिर ।
कयामत है कयामत है ।
दिल की यही है आरजू ।
तुझसे करू कुछ गुफ्तगू ।
बेतहाशा ,बेतहाशा तुझको ही चाहूं मै ।
पलको की अपनी सेज बिछाकर।
तुझको तो सुलाउं मै ।
बेचैन सा हो जाता हूं मै ।
तुझको जब न पाउं मै ।
बेतहाशा, बेतहाशा तुझको ही चाहूं मै ।
Rj Anand Prajapati