#बेतकल्लुफ़_हुस्न 004
#बेतकल्लुफ़_हुस्न 004
मुझे तो फख्र है खुद पे, की तू मुझे प्यार करती है,
मुझे तो नाज़ है खुद पे, जो तू ये एतबार करती है।
मगर अफशोस ! तेरे प्यार पे कुछ ये फ़र्ज़ है भारी,
विदा अब दे दे भी क्यो तू , मेरा इंतेज़ार करती है।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २४/१०/२०१८ )
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