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2 Feb 2020 · 1 min read

बेड़ियाँ

रेणु जब विवाह के पश्चात अपने मायके आई तो अपनी प्रिय सहेली अनुभा से मिलने गई। अनुभा अपनी सहेली से मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुई।
अनुभा बोली- और बता बहन , क्या हाल- चाल हैं? घर – गृहस्थी कैसी चल रही है?
रेणु ने कहा- सब ठीक है।तू मेरी छोड़ अपनी सुना। तू शादी कब कर रही है?
रेणु की बात सुनकर अनुभा उदास हो गई और बोली अभी शादी कहाँ बहन।बहुत काम करने शेष है।
अनुभा की बात सुनकर रेणु ने कहा- तेरे सिर पर ऐसी कौन सी जिम्मेदारी आ गई जो तुझे पूरी करनी है।
अनुभा ने उत्तर दिया- सबसे पहले तो बेड़ियाँ काटनी हैं।रेणु ने फिर पूछा – कौन – सी बेड़ियाँ काटनी हैं बहन? तू तो आज़ाद पक्षी की तरह उड़ती घूमती है, फिर भी बेड़ियों की बात करती है।
अनुभा ने कहा- तू तो ऐसे बोल रही है, जैसे कुछ जानती ही नहीं।अरे बहन, लड़कियों के पैरों में पड़ी खोखली मर्यादा और आदर्शों की बेड़ियाँ वास्तविक बेड़ियों से कुछ कम हैं क्या? मैं ये भी नहीं समझ पा रही कि ये बेड़ियाँ लड़कियों को ही क्यों पहनाई जाती हैं ?
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 510 Views
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