बेटे की बेदना
कितना प्यारा प्यारा था वो,
बचपन फिर लोटा दो माँ ।
गोंदी में तुम मुझे सुलाकर,
लोरी मुझे सुना दो माँ ।।
बचपन वाला लाड़ प्यार वो,
फिर से तुम लोटा दो माँ ।
कितना प्यारा प्यारा था वो,
बचपन फिर लोटा दो माँ ।।
छोटी छोटी जिद को मेरी,
मैया पूरा करती थी।
खुद भूखा रहती पर मैया,
मेरा पेट तू भरती थी ।।
राजा रानी के वो किस्से ,
फिर से मुझे सूना दो माँ।
नीद नहीं आती नैनो में,
आँचल मुझे लगा लो माँ ।।
चैन नहीं मिलता कृष्णा को,
बचपन फिर लोटा दो माँ।
कितना प्यारा प्यारा था वो,
बचपन फिर लोटा दो माँ।
कृष्णकांत गुर्जर
7805060303