— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
घर में बेटे के हो जाने की
ख़ुशी का ठिकाना होते देखा
लोगों को आज भी बेटी से बढ़कर
बेटे की होने की ख़ुशी होते देखा
किसी के दो के बाद तो
किसी के तीन के बाद
बेटे के होने पर बहुत
खुश होते है देखा
पर लोग जानते कहाँ हैं
बेटे के आगे कुछ मानते कहाँ हैं
घर की रौनक होती हैं बेटियां
बेटे आगे चलकर सुनते कहाँ हैं
घर की शोभा होती है बेटी से
मायका हो या ससुराल होती है बेटी से
इनकी ख़ुशी में खुद को करो समर्पित
जो दे सको बेटी हो करो दो अर्पण
अजीत कुमार तलवार
मेरठ