Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2020 · 1 min read

बेटी

बेटी
********************
मां की कोख में जब पली
तब से मेरी पहचान किया,
बेटा – बेटी में भेद करी
फिर कोख में ही मुझे दफन किया,
इसलिए कि बेटी हूं ………।
ना सोचा ना समझा
गर्दन पे तलवार चली
करू क्या शिकवा जग से मैं
कोख (मां) ने भी ना प्रतिकार किया
इसलिए की बेटी हूं ……….।
क्रंदन करती विवश वो होगी
स्याह मुख हृदय ने चीत्कार किया
सुख गई नदी हृदय की
मां के आंचल को ही कफ़न किया
इसलिए कि बेटी हूं……………।
कुत्सित समाज की प्रथा निराली
कोख गिरा कर पितृ ने
ना तनिक सीत्कार किया
आंधी चली अन्तर्मन में
सबको चाहत बेटे की
सोच ना बदली आज भी जिनकी
मुझको क्यूं दुत्कार दिया
इसलिए कि बेटी हूं….…….. ।

“”””””””” सत्येन्द्र प्रसाद साह( सत्येन्द्र बिहारी )””””””””””

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
Er. Sanjay Shrivastava
काल भले ही खा गया, तुमको पुष्पा-श्याम
काल भले ही खा गया, तुमको पुष्पा-श्याम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
*Author प्रणय प्रभात*
चाँद  भी  खूबसूरत
चाँद भी खूबसूरत
shabina. Naaz
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
हुआ क्या है
हुआ क्या है
Neelam Sharma
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
डॉ. शिव लहरी
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
सावन मंजूषा
सावन मंजूषा
Arti Bhadauria
शीर्षक:जय जय महाकाल
शीर्षक:जय जय महाकाल
Dr Manju Saini
भारत में भीख मांगते हाथों की ۔۔۔۔۔
भारत में भीख मांगते हाथों की ۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
Jay prakash
Jay prakash
Jay Dewangan
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
Manoj Mahato
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
सुबह और शाम मौसम के साथ हैं
सुबह और शाम मौसम के साथ हैं
Neeraj Agarwal
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...