Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

बेटी

हर रोज जो संस्कारों का घूंट है, पीती क्या उसी का नाम है बेटीl सागर की तरह है वो गहरी, ना जाने कितने दुख तकलीफ है हर रोज सहती फिर भी चेहरे पर ना शिकन लाती ।
जो सड़कों पर चलते वक्त निगाहें नीचे किए रहती ,
जो मनचलो को देखकर है सहम जाती,
जो कहा पलट कर तो बेशर्म कहलाई जाती,
जो कोने में खडी रोती
क्या उसी का नाम है बेटी l
अकेले बाहर जाने पर बंदिशे से जिसको लगाई जाती ,
जो एक घर से दूसरे घर पहुंचाई जाती,
पर किसी घर की वह ना कहलाई जाती,
शादी के नाम पर जो पराई कर दी जाती ,
हर रोज आवाज जिसकी दबाई जाती ,
क्या उसी का नाम है बेटी।
हर रोज जिसके अधिकारों की बात की जाती पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चलती है वह लड़का लड़की सामान बात यह चारों ओर फैलाई है जाती फिर उसी के यौन शोषण की खबर हर रोज अखबार में पाई जाती,
क्या उसी का नाम है बेटी। सारा त्याग समर्पण सब उसी के लिए, घर की सारी फिक्र जिसको रहती है जिसके जन्म के लिए, अभियान चलाए जाते फिर भी सारी रीत उसी के लिए बनाई एक घर की नही दो की घर शान बतलाई जाती ,
क्या उसी का नाम है बेटी।
क्या उसी का नाम है बेटी।

1 Like · 74 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ruchi Sharma
View all
You may also like:
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
VINOD CHAUHAN
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
याद आती है हर बात
याद आती है हर बात
Surinder blackpen
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
पूर्वार्थ
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
The darkness engulfed the night.
The darkness engulfed the night.
Manisha Manjari
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घट -घट में बसे राम
घट -घट में बसे राम
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
यारो ऐसी माॅं होती है, यारो वो ही माॅं होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
आज फिर से
आज फिर से
Madhuyanka Raj
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
---माँ---
---माँ---
Rituraj shivem verma
उमंग
उमंग
Akash Yadav
"उम्मीद"
Dr. Kishan tandon kranti
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
sushil sarna
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
Ravi Prakash
पवित्र श्रावण माह के तृतीय सोमवार की हार्दिक बधाई। कल्याणकार
पवित्र श्रावण माह के तृतीय सोमवार की हार्दिक बधाई। कल्याणकार
*प्रणय*
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
*कुछ शेष है अब भी*
*कुछ शेष है अब भी*
अमित मिश्र
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...