बेटियाँ
हम बेटियाँ हर किसी के लिए अनमोल हैं ।समाज का यह परम कर्तव्य है कि बेटियों को आगे बढ़ने का उचित मौका इन्हें जरूर दें।मैं, खुशबू खातून, बेटियों के सम्मान में कुछ शब्द प्रस्तुत कर रही हूँ।
हैं वो पापा की लाडली,
बनके रहती माँ की दुलारी,
घर को उपवन-सी महकाती,
झोपड़ी को भी महल बनाती।
हैं इनका किरदार अनोखा,
इनका हर अंदाज हैं चोखा,
देती सभी को छाँव हमेशा,
कभी न करती किसी से धोखा।
हैं वे भाग्य वाली माता,
बेटी जिन्हें दिया हैं दाता,
अँधेर में ये रौशनी बन जाती,
दुनिया इन्हीं से हैं आगे जाती।
✍️✍️✍️खुशबू खातून