Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2018 · 1 min read

बेटी है तो कल है

बेटी है तो कल है, बेटी है तो कल है |
बिन बेटी के किसी भी घर में, रोटी है न जल है ||
बेटी है तो कल है ||
जननी बनकर दिया दुलार, भगिनी बनकर देतीं प्यार|पत्नि बनकर सजा दिया है, हर इक आँगन घर परिवार||
बिन बेटी के विधि का बनाया, ये संसार अचल है |
बेटी है तो कल है ||
ममता, दया और करुणा का, शब्दकोष में नाम न होता|
प्रेम, प्रतीक्षा, परिणय, पूजा, सुख-दु:ख का पैगाम न होता||
बेटी के अस्तित्व बिना क्या, सुन्दर क्या चंचल है |
बेटी है तो कल है ||
जब चिड़िया सी चहक उठे तो, हर घर उपवन सा हो जाता|
कोमल कंठ सुरीली वाणी, सुन मन पावन सा हो जाता||
बेटी की किलकारी से ही, अँगना में हलचल है |
बेटी है तो कल है ||
बेटी दुर्गा, लक्ष्मी,वृन्दा,और सती सावित्री सीता |
इनकी गौरव-गाथा गाते सतयुग, त्रेता, द्वापर बीता||
बेटी नीर नर्मदा का, बेटी ही गंगाजल है |
बेटी है तो कल है ||
सुन्दरता की इस मूरत को, कैसे लोग जला देते हैं |
दुनिया में आने से पहले, क्यों इसको दफना देते हैं ||
बेटी का करुणामय क्रन्दन, सुन “मनमीत”विकल है ||
बेटी है तो कल है ||

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 549 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/111.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/111.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नौजवान सुभाष
नौजवान सुभाष
Aman Kumar Holy
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
The_dk_poetry
अगर हो हिंदी का देश में
अगर हो हिंदी का देश में
Dr Manju Saini
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
लालच का फल
लालच का फल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
चन्द्रयान अभियान
चन्द्रयान अभियान
surenderpal vaidya
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
*Author प्रणय प्रभात*
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
Indramani Sabharwal
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
"प्रेरणा के स्रोत"
Dr. Kishan tandon kranti
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सफल लोगों की अच्छी आदतें
सफल लोगों की अच्छी आदतें
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कुछ नमी अपने साथ लाता है
कुछ नमी अपने साथ लाता है
Dr fauzia Naseem shad
संवेदना
संवेदना
Ekta chitrangini
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
श्याम सिंह बिष्ट
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख़याल
ख़याल
नन्दलाल सुथार "राही"
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
बाढ़
बाढ़
Dr.Pratibha Prakash
I
I
Ranjeet kumar patre
Loading...