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4 Jan 2019 · 1 min read

बेटी है घर की शान

बेटी है घर की शान
उसे दो घर संसार में मान

बेटी को मत कहो मासूम
बेटी तो है नौ देवी रूप
हर अवतार में है शक्ति स्वरूप

पिता ने दिया बेटी को प्यार
माँ ने दिया भरपूर दुलार
बेटी से है घर में सुखी संसार

बेटी का जितना करो
उतना कम है गुणगान
वह तो है गुणों की खान

बेटी फैहरा रही
विजय पताका दुनियां में
किसी क्षेत्र में पीछे नहीं
वो दुनियां में

बेटी है फुलवारी बगिया की
उसे मौका दो बनने
सुगंध बगिया की

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
594 Views
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