बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी।।
घर की सारी जिम्मेदारी, आँगन की बिखरी फूलवारी ।
चाहे नल में जल की बारी, या कपड़ाें से भरी अलमारी।।
चीजें तेरी एक एक कर, सम्भाल रखूँगी,
बेटी हूँ माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी।।
दादी के हाथाें की माला, टूटा चश्मा, दादा वाला ।
चाचा की मैं चमची बनकर, खोलूंगी खुशियों का ताला।।
बन पापा की प्यारी, मैं कमाल कर दूँगी,
बेटी हूँ माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी।।
दकियानूसों से माँ मत डर, आगे बढ़, जरा हिम्मत ताे कर।
आँखें खुली नहीं हैं फिर भी, देख रही, दिल तेरे अंदर ।।
कदम रखूंगी चंदा पर, ऊँचा भाल करुँगी ।
बेटी हूँ माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी ।।
मैं तेरी खुशियों की पेटी, माँ तुम भी तो, हो एक बेटी।
मुझे उड़ना आसमाँ में, क्यों बाहर आने ना देती ।।
सुंदर दुनिया देख, ये सवाल करुँगी,
बेटी हूं माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी ।।
कोख ही तेरी, मंदिर मेरा, सारा जहाँ है, आँचल तेरा।
कफन, इसे ना बनने देना, तेरे जीवन का, मैं सवेरा।।
सपने तेरे दिल में मैं, सम्भाल रखूँगी ,
बेटी हूं माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी।।
बेटी हूं माँ तेरी, मैं ख़याल रखूँगी ।