बेटी से मुस्कान है
बेटी मेरा मान है, बेटी ही सम्मान।
बेटी से संसार है, बेटी से मुस्कान।।
बेटी लक्ष्मी रूप है, बेटी है वरदान।
बेटी देती है सदा, जीवन में पहचान।।
बेटी खुशियों से भरे, सबके घर परिवार।
बेटी देती है सदा, दो दो कुल को तार।।
बेटो से वो कम नहीं, सदा निभाए फर्ज़।
हर रिश्ते को सहजती, और चुकाए कर्ज़।।
बेटा बेटी में करो, कभी नहीं तुम भेद ।
घर बेटी के जन्म पर, करो नहीं तुम खेद।।