बेटी (शायरी)
देवालय में बजते शंख की ध्वनि है बेटी,
देवताओं के हवन यज्ञ की अग्नि है बेटी।
खुशनसीब हैं वो जिनके आँगन में है बेटी,
जग की तमाम खुशियों की जननी है बेटी।।
********************************************
बड़े नसीब वालों के घर जन्म लेती है बेटी,
घर आँगन को खुशियों से भर देती है बेटी।
बस थोड़ा सा प्यार और दुलार चाहिए इसे,
थोड़ी संभाल में लहलहाए वो खेती है बेटी।।
*********************************************
फूलों सी कोमल हृदय वाली होती हैं बेटियाँ,
माँ बाप की एक आह पर ही रोती हैं बेटियाँ।
भाई के प्रेम में खुद को भुला देती हैं अक्सर,
फिर भी आज गर्भ में जान खोती हैं बेटियाँ।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत