बेटी भी तू जननी भी तू
बेटी भी तू जननी हुई तू ,
ममता का समंदर तू।
तु ही दुर्गा तू ही काली,
खुशियों का बवंडर तू।
तुझसे ही है सारी दुनिया,
इस बगिया की माली तू।
सूर्य सा है तेज तेरा,
चाँद की शीतल लाली तू।
हँसी तेरी सरगम जैसी,
चंडी तू दयालु तू।
सरस्वती सी सूरत तेरी
धन,मन,अर्पण,जीवन तू।
बेटी भी तू जननी हुई तू ,
ममता का समंदर तू।।