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5 Feb 2023 · 1 min read

बेटी बोली बाबुल बातें तो सुन लो

बेटी बोली बाबुल बातें तो सुन लो
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बेटी बोली बाबुल बातें तो सुन लो,
हरा-भरा उपवन फूलों को चुन लो|

कन्यादान हुआ फिर हूई विदाई,
बेटी बोली बाबुल दो दिन रख लो|

मां को गले लगा कर खूब वो रोई,
रोती-रोती बोली सीने सिर धर लो|

भाई के कंधे लिपटी सहमी-सहमी,
कुछ न मांगू तुमसे दिल में रख लो|

सखियो संग खेली बन हमजोली,
छूटने लगी हैं राहें बांहों में भर लो|

दर्द – जुदाई सह न पाये मनसीरत,
खाली मेरी झोली खुशियां भर लो|
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
132 Views
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