बेटीयां
मां बाप के लिए बहुत दुलारी है बेटियां,
सुकोमल निराली सी प्यारी है बेटियां।
तितलियों की सी चंचल
होती है बेटियां,
प्रकृति की सी निश्छल
होती है बेटियां।
अंधकार में जीवन की प्रकाश
होती है बेटियां,
चार पुत्रों के बीच भी खास
होती है बेटियां।
मां बाप के लिए बहुत दुलारी है बेटियां,
सुकोमल निराली सी प्यारी है बेटियां।
निश्चेतन जीवन में कल्पना उड़ान,
होती है बेटियां,
कुल की तरक्की की एक नई पहचान,
होती है बेटियां।
पिता के लिए कांटों की सेज नहीं,
होती है बेटियां,
सूरज की प्रकाश से भी ज्यादा तेज
होती है बेटियां।
मां बाप के लिए बहुत दुलारी है बेटियां,
सुकोमल निराली सी प्यारी है बेटियां।
बहन, पत्नी, मां और न जाने कितने ही रूपों में,
समाज के सेवा में योगदान देती हैं बेटियां,
अपने त्यागमयी छवि के कारण ही
हर रिश्तों में सबसे महान होती है बेटियां।
मायके में जरूर नटखट सी नादान
होती हैं बेटियां,
ससुराल में मां बाप की
संस्कारों की पहचान होती है बेटियां ।