बेटी पर हाईकू
बेटी पर हाइकु
नन्ही कली है
घर घर मे बेटी
वन्दनीय है
प्यारी परी है
चम चम पायल
नन्दनीय है ।
गुलाबी चन्दा
महकी दुलारी है
अतुलनीय
जग सृष्टि है
सोनपरी बेटी है
धरणीय है
इसे ना मारो
कोख का पाप है
राक्षसीय है
✍प्रवीण शर्मा ताल