बेटी तुम्हे पुकार रही है
जागो_ जागो वीर सिपाही ,बेटी तुम्हे पुकार रही है
अंधी जनता_ अंधी दुनिया,अधनंगी सरकार रही है
फटे कलेजा_जुल्म देखकर,बेटी तुम्हे पुकार रही है
थर्थर _ थर्थर रूह कांपती बेटी अब चिक्कार रही है
लाचारो_ की लाज लूट कर दुनिया ताने मार रही है
गांव नगर उर गाली शहर में घर घर हाहाकार रही है
आओ “कृष्णा” आओ भैया बेटी तुम्हे पुकार रही है
अंधी जनता अंधी दुनिया,अधनंगी सरकार रही है
कृष्णकांत गुर्जर