Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2018 · 1 min read

बेटी को समर्पित

हर बेटी को समर्पित

कैसे कहूँ कि,बेहतर है,मस्जिद,,
कैसे कहूँ कि,पावन है,मन्दिर,,

जब नन्ही,मासूम कलियों,को ही,,
शैतान,हैवान रौंद,रहे इनके अंदर,,

कोई क्या सुनेगा दुआ मन्नत मेरी,,
कोई वंदना कोई आरती मेरी सुंदर,,

इससे तो अच्छा है,मैं अकेला ही रहलू,,
जब बनाता नही मुझको इंसान मन्दिर,,

ये भीड़ की दुनियां है किस काम की,,
जब मनुज ही नही मनु इनके अंदर,,

मानक लाल मनु

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
2624.पूर्णिका
2624.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विषाद
विषाद
Saraswati Bajpai
*
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
Shashi kala vyas
"मैं एक पिता हूँ"
Pushpraj Anant
"जो लोग
*Author प्रणय प्रभात*
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साहित्य गौरव
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
💐प्रेम कौतुक-463💐
💐प्रेम कौतुक-463💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"मेरी कलम से"
Dr. Kishan tandon kranti
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
वक्त से पहले..
वक्त से पहले..
Harminder Kaur
*सुकुं का झरना*... ( 19 of 25 )
*सुकुं का झरना*... ( 19 of 25 )
Kshma Urmila
हिंदी की दुर्दशा
हिंदी की दुर्दशा
Madhavi Srivastava
*बहू हो तो ऐसी【लघुकथा 】*
*बहू हो तो ऐसी【लघुकथा 】*
Ravi Prakash
धर्म जब पैदा हुआ था
धर्म जब पैदा हुआ था
शेखर सिंह
सफ़ेदे का पत्ता
सफ़ेदे का पत्ता
नन्दलाल सुथार "राही"
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
बगावत की आग
बगावत की आग
Shekhar Chandra Mitra
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
रुख़सारों की सुर्खियाँ,
sushil sarna
Loading...