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24 Dec 2020 · 1 min read

बेटी की भावना

मैं बोझ नहीं हु मुझको आगे पढ़ने दो
सपनों की उड़ान को भरने दो

मैं भी बनकर दिखाऊंगी अफसर
काम करके दिखाऊंगी वह सारे
जो ना कर पाते हैं लड़के अक्सर।

अभी बंद करो ना मेरी पढ़ाई अभी करो ना मेरी सगाई
पूरी करने दो मुझको पढ़ाई नहीं शादी की उम्र अभी आई।

जो देखे हैं सपने हमने उन सपनों की उड़ान हमें भरने दो
मेरे प्यारे सपनों मेरे को पूरा करने दो।

अभी खेलूंगी मैं वह खेल सारे और झुमू हवा के सहारे
अभी चलना है रास्तों पर मिलते मंजिल है जिनके सहारे।

मेरे पैरों में बंधन ना डालो मैं हूं चिड़िया मेरा आसमान दो
खोल दो इन सभी रूढ़ियों को मुझे आगे तो बढ़ जाने दो।

मुझे मेरे पंखों की उड़ान भरने दो मुझे आगे बढ़ने दो मुझे आगे पढ़ने दो।।

3 Likes · 8 Comments · 407 Views
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