बेटी की बिदाई ✍️
बेटी की बिदाई ✍️
🙏❤️श्रद्धेय🌷🙏
पावन धरा आपके आथित्य
स्वीकार कर चरण कमलों
सुमन समर्पित करना चाहता
धन्य सौभाग्य है मेरा इस
दहलीज पैर पड़ा आपका
क्या वंदन अभिनंदन तीर्थ
जल से पैर पखारूं आसमां
तारों से आरती उतारूं भाव
विभोर स्वागत करना चाहता हुं
🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
सद्गुण सद्भाव परख से
कन्या रत्न समर्पित करता हूँ
सुमन वाटिका छतरी में बेटी
की सुखद सुगम जीवनपथ
अभिलाषा कन्यार्पण उद्गार
व्यक्त की आशा रखता हूं
👸नन्हीं परी पग से मेरा
घर आंगन हुआ आवाद
मां की सूनी गोदी का
इनसे क्षण हुआ गुलजार
माँ अमृत से प्राण वायु पा
पली बड़ी जीवन संवारी
ममता का सागर मां की
मेरी आंखों का तारा है
कैसे कहुँ ✍️किस जतन
लाड़ प्यार से पाला हूँ
झटक पटक लटक
अपनी तूतली वाणी से
घर की ममता छीनी
सांझ उषा के आंगन में
गुंजन हास्य व्यंग छोड़
खामोश आपके घर चली
मां के नयनों का तारा
पिता लाड़ली औरों से
अनजान है ये बिटिया
नई पहचान बनाने आप
के साथ चली बिटिया
इससे तो चूक होगी ही🙏
क्षमाशीलता करुणा से
संस्कृति स्नेह संस्कारो से
राज दुलारी बना रखना👸
जन्म हुआ जब गीत बजी
न शहनाई पर आज विदाई
सुअवसर पर मेरे घर बजी
शहनाई इसे .सुन समझ मैं
मन ही मन हर्षित हो सुखद
परम कन्यादान कर पाया हूँ
भैया से बहना बिछड़ी बहनों
से बहना बिछड़ी मां की बेटी
चहल कदमी की याद छोड़
अमिट स्मृति चिन्ह ले अपनी
आशियाने चली बाप की बेटी
विदाई पर रोयेंगे सब परिजन
मां पिता भैया बहनें रोयेंगी
छ़लकेगी सागार नयन आंसू
बह जायेंगी स्नेह करूणा धार
कलेजे टुकड़े लक्ष्मी रत्नधन बेटी
कन्यादान जिम्मेंदारी पूरी करता हुं
इन दोनों की सुहाग इक जोड़ी
सिया राम पार्वती शंकर सी हो
हरा भरा रहे फूलों की बगिया
किलकारी गुंजे नव आंगन में
माता पिता निज अधिकार दे
समर्पित करता हूं अपनी बिटिया
नादान निर्धन हुं सम्पन्न नहीं
राज वैभव ना दे पाऊंगा पर
शबरी के जूठे बेर विदुर के साग
सुदामा के तण्डुल से आवो भगत
जरूर करूंगा मैं जरूर करूंगा मैं ॥
🌹 🙏 🌹 🙏 🌹 🙏
तारकेशवर प्रसाद तरूण