Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 2 min read

बेटी की बिदाई ✍️

बेटी की बिदाई ✍️

🙏❤️श्रद्धेय🌷🙏
पावन धरा आपके आथित्य
स्वीकार कर चरण कमलों

सुमन समर्पित करना चाहता
धन्य सौभाग्य है मेरा इस

दहलीज पैर पड़ा आपका
क्या वंदन अभिनंदन तीर्थ

जल से पैर पखारूं आसमां
तारों से आरती उतारूं भाव

विभोर स्वागत करना चाहता हुं
🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
सद्गुण सद्‌भाव परख से
कन्या रत्न समर्पित करता हूँ

सुमन वाटिका छतरी में बेटी
की सुखद सुगम जीवनपथ

अभिलाषा कन्यार्पण उद्गार
व्यक्त की आशा रखता हूं

👸नन्हीं परी पग से मेरा
घर आंगन हुआ आवाद

मां की सूनी गोदी का
इनसे क्षण हुआ गुलजार

माँ अमृत से प्राण वायु पा
पली बड़ी जीवन संवारी

ममता का सागर मां की
मेरी आंखों का तारा है

कैसे कहुँ ✍️किस जतन
लाड़ प्यार से पाला हूँ

झटक पटक लटक
अपनी तूतली वाणी से

घर की ममता छीनी
सांझ उषा के आंगन में

गुंजन हास्य व्यंग छोड़
खामोश आपके घर चली

मां के नयनों का तारा
पिता लाड़ली औरों से

अनजान है ये बिटिया
नई पहचान बनाने आप

के साथ चली बिटिया
इससे तो चूक होगी ही🙏

क्षमाशीलता करुणा से
संस्कृति स्नेह संस्कारो से

राज दुलारी बना रखना👸
जन्म हुआ जब गीत बजी

न शहनाई पर आज विदाई
सुअवसर पर मेरे घर बजी

शहनाई इसे .सुन समझ मैं
मन ही मन हर्षित हो सुखद

परम कन्यादान कर पाया हूँ
भैया से बहना बिछड़ी बहनों

से बहना बिछड़ी मां की बेटी
चहल कदमी की याद छोड़

अमिट स्मृति चिन्ह ले अपनी
आशियाने चली बाप की बेटी

विदाई पर रोयेंगे सब परिजन
मां पिता भैया बहनें रोयेंगी

छ़लकेगी सागार नयन आंसू
बह जायेंगी स्नेह करूणा धार

कलेजे टुकड़े लक्ष्मी रत्नधन बेटी
कन्यादान जिम्मेंदारी पूरी करता हुं

इन दोनों की सुहाग इक जोड़ी
सिया राम पार्वती शंकर सी हो

हरा भरा रहे फूलों की बगिया
किलकारी गुंजे नव आंगन में

माता पिता निज अधिकार दे
समर्पित करता हूं अपनी बिटिया

नादान निर्धन हुं सम्पन्न नहीं
राज वैभव ना दे पाऊंगा पर

शबरी के जूठे बेर विदुर के साग
सुदामा के तण्डुल से आवो भगत

जरूर करूंगा मैं जरूर करूंगा मैं ॥
🌹 🙏 🌹 🙏 🌹 🙏

तारकेशवर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all
You may also like:
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*प्रणय*
त्यौहार
त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
पूर्वार्थ
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
तुझे स्पर्श न कर पाई
तुझे स्पर्श न कर पाई
Dr fauzia Naseem shad
THE FLY (LIMERICK)
THE FLY (LIMERICK)
SURYA PRAKASH SHARMA
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
Acharya Rama Nand Mandal
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
Pratibha Pandey
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
कवि रमेशराज
Loading...