बेटी आ रही है आज
जब से सुना है पापा ने
कि बेटी आ रही है आज,
खुशी आँखों में समायी है
उमंग ह्रदय में छायी है,
लगे हैं तैयारी में
पसंद का सामान जुटाने में ,
वो इतने खुश नजर आएँ
खशी ह्रदय में न समा पाए,
आँखों से छलक जाए
होठों पर उतर आए ,
वो यादें ताजा करते हैं
बेटी की बातें बतातें हैं ,
वो गाड़ी आने से पहले ही
स्टेशन पहुँच जाते है,
कितनी देर है आने में
बस ये ही बाट जोहते हैं ,
बेटी की प्रतीक्षा का
पल पल भारी लगता है,
गाड़ी विलंब होने पर
समय मुश्किल से कटता है,
खुशी का नहीं ठिकाना है
जब बिटिया को देखा है,
सिर पर हाथ फिरा करके
ह्रदय से लगाया है,
कितने दिनों में आयी हो
प्रश्न ये ही उठाया है,
कितनी कमजोर हो गयी हो
ध्यान अपना नहीं रखती हो,
चलो घर अब जल्दी से
माँ राह देखती है,
तुम्हारे स्वागत में वो
पलकें बिछाए बैठी है,
तुम्हारी पसंद के खाने से
रसोई आज सजायी है,
बड़ी ममताट से उसने आज
चीजें सब बनायी हैं ।
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ,
पति की इजाजत लेकर वो
पिता से मिलने आयी है ,
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ।
बेटी आज बहुत दिनों में
माँ के घर आयी है ।
डॉ रीता
28/9/16
आया नगर,नई दिल्ली ।