— बेटी अनमोल होती हैं —
बेटी जो मांगे
उस को करो
बेटी जो कहे
सो कर दिया करो
बाबुल का घर हैं उसका
हर मांग पूरी कर दिआ करो
न जाने कब तक है
न जाने कब चली जायेगी
बेटीआं बेल की तरह
बढ़ने लगती हैं जब
पलक झपकते ही
ओझल हो जाएंगी
प्यार भी करो.गुस्सा भी करो
अरमान उस के सारे पूरे करो
न जाने जिस घर जायेगी
किस हाल में जीवन बिताएगी
सुना सा आँगन कर जाएगी
पापा लो पानी। .मैं ले आयी
सुनने को कान तरस जाएंगे
छोटी छोटी शैतानी
पल पल उस की याद आएगी
बेटी जो मांगे दे दिया करो
सारी उम्र वो आपको हसायेगी
पर जिस दिन देहलीज
पार कर के जायेगी
आँखों में आंसू,
यादों का पुलिंदा
प्यार से पल पल, सब छोड़ जायेगी
बहुत याद आएगी
अकेले में बैठकर जब
आँख भर जायेगी
अभी तो सुन लेती है एक आवाज से
पर उस वक्त आँखे देखने को
उस को , खुद की तरस जायेगी
बेटी जो कहे कर दिया करो
बार बार उस की याद तड़पायेगी
पापा की परी होती हैं न
इस लिए लगता है
जीते जी वो मार जायेगी
बेटियाँ अनमोल होती हैं
उस की हर मांग पर
चीजें दिला दिया करो
वो जो मांगे बस उस को
दिलवा दिया करो..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ